शा’इरी की बातें (21): ग़ज़ल में मक़ता क्या होता है?
मक़ता: ग़ज़ल का आख़िरी शे'र मक़ता कहलाता है.अक्सर इसमें शा'इर अपने तख़ल्लुस (pen name) का इस्तेमाल करता है. तख़ल्लुस: शा'इर जिस नाम से शा'इरी करता...
शा’इरी की बातें (20): ग़ज़ल का मतला क्या होता है?
मत'ला: ग़ज़ल या क़सीदे का वो शे'र जिसके दोनों मिसरों में रदीफ़ और क़ाफ़िये का इस्तेमाल होता है उसे मत'ला कहते हैं. अक्सर को ग़ज़ल...
शा’इरी की बातें (19): क़ाफ़िया क्या है?
क़ाफ़िया: रदीफ़ से ठीक पहले आने वाले वो शब्द जो एक ही आवाज़ पर ख़त्म होते हैं, उन्हें क़ाफ़िया कहते हैं.मत'ला में क़ाफ़िया दोनों मिसरों...
शा’इरी की बातें (18): रदीफ़ क्या है?
रदीफ़: ग़ज़ल या क़सीदे के शेरों के अंत में जो शब्द या शब्द-समूह बार-बार दुहराए जाते हैं, उन्हें रदीफ़ कहते हैं. मत'ले में रदीफ़ दोनों...
शा’इरी की बातें (17): शेर क्या है?
शे'र: दो मिसरों की ऐसी कविता जिसके दोनों मिसरे एक बह्र और एक ही ज़मीन पर हों, शे'र कहलाती है. शे'र अगर मत'ला है तो...
शा’इरी की बातें(16): वज़्न करने का तरीक़ा (10)
आज हम आपको उर्दू शाइरी में इस्तेमाल की जाने वाली जिस बह्र के बारे में बताने जा रहे हैं उसका नाम है बह्र ए मुतदारिक....
शाइरी की बातें(15): नामौज़ूंनियत, सुस्त बंदिश, बलाग़त और फ़साहत
आज हम आपको 'शाइरी की बातें' में चार ऐसे बिन्दुओं के बारे में बता रहे हैं जिसको जानना बेहद ज़रूरी है. इन्हें जानकार ही आपकी...
शाइरी की बातें(14): मुशाइरों में इस्तेमाल होने वाले अलफ़ाज़…
इस सीरीज़ में यूँ तो अभी हम ' वज़्न करने का तरीक़ा' बता रहे हैं लेकिन बीच-बीच में हम कुछ और बातें भी कर रहे...
शाइरी की बातें(13): वज़्न करने का तरीक़ा (9)
बह्र ए हज़ज सालिम आज हम आपको उर्दू शाइरी में इस्तेमाल की जाने वाली जिस बह्र के बारे में बताने जा रहे हैं उसका नाम...
शा’इरी की बातें(12): न’अत के बारे में..
'शाइरी की बातें' में हम अभी आपको 'वज़्न' के बारे में बता रहे हैं लेकिन आज हम एक अन्य विषय के बारे में आपको बताना...